नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे लिंग में फ्रैक्चर होने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए ? इस विषय पर आज हम आपको विस्तृत रूप से जानकारी देंगे जिसका इस्तेमाल कर आप जान पाएंगे की लिंग में फ्रैक्चर होने पर आपको क्या करना चाहिए ऐसा होने पर आप किस तरह इसका इलाज कर सकते हैं यह भी जानेंगे |
- शांत रहें। घबराहट से बचें और पीड़ा सहन करने की कोशिश करें।
- तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। अगर संभव हो तो एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल जाएँ।
- जख्म को न छुएं या हिलाएं। फ्रैक्चर वाले भाग को स्थिर रखने का प्रयास करें।
- जख्म पर कोई पट्टी न बांधें। केवल रक्तस्राव रोकने के लिए कपड़े से मामूली दबाव डालें।
- जरूरत पड़ने पर एंटी-इंफ्लेमेटरी या पीड़ानाशक दवाएं लें।
- सर्जरी के बाद सही ढंग से आराम करें और डॉक्टर की हिदायतों का पालन करें।
इस तरह फ्रैक्चर के मामले को सही तरीके से संभाला जा सकता है और जल्द रिकवरी सुनिश्चित की जा सकती है।
पेनाइल क्या होता है
पुरुष जननांग यानि लिंग के विभिन्न भागों और संरचनाओं के लिए ‘पेनाइल’ शब्द का प्रयोग किया जाता है, जैसे:
- पेनाइल शाफ्ट – लिंग का मुख्य भाग जो शरीर से बाहर निकलता है।
- पेनाइल यूरेथ्रा – लिंग का मूत्रमार्ग या नलिका जिससे मूत्र बाहर निकलता है।
- पेनाइल टिश्यू – लिंग के भीतरी ऊतक जो खड़े होने पर लिंग को कड़ा बनाता है।
- पेनाइल फ्रेनुलम – लिंग के मुख पर स्थित संवेदनशील त्वचाज जो यौन संबंध में सहायक होता है।
आम तौर पर ‘पेनाइल’ शब्द का प्रयोग लिंग संबंधी किसी भी बीमारी, स्थिति या शल्य चिकित्सा के संदर्भ में किया जाता है।
पेनिस बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
पेनाइल फ्रैक्चर हिंदी में
पेनाइल फ्रैक्चर का हिंदी में अर्थ है – लिंग का टूटना
- पेनाइल = लिंग से संबंधित
- फ्रैक्चर = टूटना (ब्रेक होना)
- पेनाइल फ्रैक्चर = लिंग का टूटना
यानी लिंग की हड्डियों में ऐसा ब्रेक या दरार आ जाना जिससे लिंग में तेज दर्द और सूजन आ जाती है।
आमतौर पर यह दुर्घटना, चोट लगने या किसी कठोर वस्तु से लिंग के टकराने से हो सकता है। इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
हिंदी में पेनाइल फ्रैक्चर का सही अर्थ है – ‘लिंग का टूटना’।
पेनाइल इंजरी क्या होता है
पेनाइल इंजरी = लिंग की चोट या आहत
कुछ सामान्य पेनाइल इंजरी या लिंग की चोटों के उदाहरण:
- लिंग में कट, घाव, खरोंच आना
- लिंग की हड्डी में फ्रैक्चर
- लिंग की नसों में दर्द
- लिंग के मुख पर चोट लगना
आमतौर पर ये चोटें दुर्घटना, व्यग्रता, मारपीट या किसी कठोर वस्तु से धक्का लगने से हो सकती हैं।
हिंदी में ‘पेनाइल इंजरी’ का अर्थ होता है – लिंग की चोट या आहत
पेनिस ट्रीटमेंट आयुर्वेदिक
कपालभाति प्राणायाम: कपालभाति प्राणायाम को पेशाब मूत्रमार्ग संबंधी समस्याओं के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। इसमें नाड़ीशोधन के द्वारा शरीर के प्रमुख नाड़ी सफाई की जाती है, जिससे प्रणायाम परिश्रम करने वाले व्यक्ति को शक्ति मिलती है और पेनिस की समस्याएं दूर होती हैं।
आयुर्वेदिक दवाएं: आयुर्वेद में कई दवाएं हैं जो पेनिस रोगों के उपचार में सहायक हो सकती हैं। इनमें कंचनार गुग्गुल, कौंच बीज, अश्वगंधा, शिलाजीत, गोखरु और वृन्ताक वटी शामिल हो सकती हैं। यह दवाएं आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा परामर्श के बाद ली जानी चाहिए।
आहार: सही आहार पाने से भी पेनिस की समस्याओं में सुधार हो सकती है। आयुर्वेद में अनुशासन नीतियों के अनुसार सामग्री खाने का सुझाव दिया जाता है जैसे कि मूंग दाल, घी, दूध, नींबू, खीरा, खजूर और अकरकरा।
व्याम शक्ति वर्धक प्रयोग: कुछ आयुर्वेदिक समाधान भी व्याम शक्ति को वर्धित करने के लिए सहायक हो सकते हैं, जैसे कि शतावरी, यौगिक वाजीकरण औषधि, राज वृक्ष और गोखरु।
ध्यान दें कि आपको अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह और मार्गदर्शन में ही इन उपायों का उपयोग करना चाहिए। वे आपकी बेहतर जानकारी के आधार पर आपके लिए सही उपचारों को सझा करेंगे।
पेनिस की नसों में गांठ
- पेनाइल कैंसर: यह अत्यंत गंभीर हो सकता है और पेनिस की नसों में गांठ का कारण बन सकता है। इस स्थिति में गांठ साधारणतया पेनिस के ऊपरी हिस्से में होती है, जिसमें दर्द, खुनी होने, चंगड़ापन, धीरे-धीरे बढ़ाने वाली गांठ आदि लक्षण शामिल होते हैं।
- स्क्रोटल स्ट्रेच मार्क्स: यह अकारण विस्त्र्त तार वाले गांठ होती है, जो पेनिस की नसों में उत्पन्न हो सकती है। इसका कारण हो सकता है लंबे समय तक ज्यादा धारेदार कपड़ों पहनना, बढ़ी हुई वजन, कम्पन आदि।
- इंफेक्शन: कभी-कभी पेनिस के नसों में इंफेक्शन हो सकता है, जो गांठ का कारण बन सकता है। यह इंफेक्शन बैक्टीरियल, वायरल, या जननेत्र के लिए बचावटी मध्यः और पर्याप्त हाइजीन रखने के कारण हो सकता है।
इन सभी स्थितियों का उपचार चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए। डॉक्टर आपकी स्थिति का निदान करेंगे और उपयुक्त उपचार का सुझाव देंगे।