नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे स्तंभन दोष का खुद इलाज करने के तरीके इस विषय पर आज हम आपको विस्तृत रूप से जानकारी देंगे जिसका इस्तेमाल कर आप जान पाएंगे कि स्तंभ दोष पर आप खुद कैसे इलाज कर सकते हैं
दोस्तों आजकल बहुत सारे लोग होते हैं जिन्हें यौन संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है उनमें से ही स्तंभन दोष एक है इसीलिए आज हम आपको इसका इलाज कैसे आप घर बैठ कर कर सकते हैं और क्या होते हैं इसके पीछे के कारण और कौन सी दवाइयो का इस्तेमाल हम इसके लिए कर सकते हैं यह भी जानेंगे |
- डॉक्टर के पास जाएँ और पूरी जाँच करवाएँ।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाइयों और उपचार को नियमित रूप से लें।
- हेल्दी डाइट लें और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
- तनाव से बचें और अच्छी नींद लें।
- धूम्रपान और शराब से परहेज़ करें।
- व्यायाम और योगा करें।
कम उम्र में स्तंभन दोष का कारण
- मानसिक कारण – तनाव, अवसाद, नींद की कमी आदि।
- शारीरिक कारण – मधुमेह, हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, उच्च रक्तचाप, प्रोस्टेट समस्याएं आदि।
- आहार और जीवनशैली से संबंधित – धूम्रपान, मादक पदार्थों का सेवन, मोटापा, व्यायाम की कमी।
- कुछ दवाएं जैसे एंटीडिप्रेसेंट, एंटीहिस्टमाइंस आदि भी स्तंभन दोष का कारण हो सकती हैं।
- हार्मोन संबंधी समस्याएं – टेस्टोस्टेरोन का कम स्तर, थायराइड आदि।
- चोट या नसों में दबाव भी स्तंभन दोष का कारण बन सकता है।
स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक दवा
- अश्वगंधा (Withania somnifera) – अश्वगंधा में एक रसायन विदारी होता है जो स्तंभन में सुधार लाने में मदद करता है।
- शतावर (Asparagus racemosus) – शतावर में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स रक्त प्रवाह को बढ़ाकर स्तंभन को मजबूत करते हैं।
- सफेद मूसली (Asparagus adscendens) – मूसली में भी स्तंभन बढ़ाने वाले गुण होते हैं।
- काला कत्था (Mucuna pruriens) – काला कत्था टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाकर स्तंभन दोष में लाभकारी है।
- शिलाजीत (Asphaltum punjabinum) – शिलाजीत में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्तंभन को बेहतर बनाते हैं।
पतंजलि में स्तंभन दोष की दवा
- पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल Patanjali Ashwashila Capsule
- पतंजलि यौवनामृत वटी Patanjali Divya Youvnamrit Vati
- पतंजलि श्वेत मूसली Patanjali Swet Mushli
- पतंजलि शतावर चूर्ण patanjali shatavari churna
- पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल Patanjali Ashwagandha Capsule
- पतंजलि दिव्य यौवन चूर्ण patanjali divya yovan churna
- पतंजलि गोक्षुरादि गुग्गुल patanjali gokshuradi guggulu

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इरेक्शन बढ़ाने के घरेलू उपाय
- अश्वगंधा, शतावर और मूसली जैसी हर्बल सप्लीमेंट्स का सेवन करें। इनमें स्तंभन बढ़ाने के गुण होते हैं।
- खजूर, अखरोट और बादाम जैसे सूखे मेवे खाएँ। इनमें आर्गिनिन नामक एमिनो एसिड होता है जो रक्त प्रवाह बढ़ाता है।
- एक्सरसाइज़ और योग करें, विशेष रूप से केगल एक्सरसाइज़।
- तंबाकू, अल्कोहल और कैफीन की मात्रा कम करें।
- प्याज, लहसुन, अदरक और मछली आदि से भरपूर आहार लें।
- भरपूर नींद लेने का प्रयास करें और तनाव से बचें।
- गर्म पानी के बाथ टब में रोज़ डुबकी लगाएँ, यह रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।
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स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छा तेल
- अखरोट का तेल – इसमें आर्गिनिन नामक एमिनो एसिड होता है जो रक्त प्रवाह बढ़ाने में मदद करता है।
- बादाम का तेल – इसमें हेल्दी फैटी एसिड्स होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं।
- जैतून का तेल – यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जो रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं।
- सोयाबीन का तेल – इसमें आइसोफ्लेवॉन होते हैं जो हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
- केले का तेल – पोटैशियम की उच्च मात्रा स्तंभन दोष में लाभकारी हो सकती है।
- इन तेलों का नियमित रूप से सेवन करने से स्तंभन दोष में सुधार हो सकता है। लेकिन अधिक मात्रा में न लें और डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
बिना साइड इफेक्ट के इरेक्टाइल डिसफंक्शन की सबसे अच्छी दवा
- PDE5 इनहिबिटर्स जैसे सिल्डेनाफिल, टैडालाफिल, वर्डेनाफिल आमतौर पर सुरक्षित और असरदार मानी जाती हैं।
- शुरुआत में छोटी खुराक से शुरु करें और डॉक्टर की देखरेख में बढ़ाएं।
- साइड इफेक्ट्स जैसे सिरदर्द, बदन दर्द, नाक बहना आम हैं लेकिन अगर गंभीर हों तो डॉक्टर से परामर्श लें।
- दवा के साथ खाना न खाएँ क्योंकि इससे असर कम हो सकता है।
- अल्कोहल और ग्रेपफ्रूट जूस के साथ दवा लेने से बचें।
- नियमित रूप से व्यायाम और तनाव कम करने वाली गतिविधियाँ करें।